
बिजनौर में जहां सर्दी का मौसम अपने चरम पर है लेकिन गरीबों के लिए ना तो सर पर छत है और ना ही इनके पास गर्म कपड़े, सहारा है तो बस एक जलती हुई आग का, जिसके सहारे लोग बैठकर अपनी रात गुजार रहे हैं, अफसर इन गरीब लोगों के लिए लाख दावे तो करते हैं लेकिन यह दावे धरातल पर कहीं महसूस नहीं किए जाते, बता दें कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है, उत्तराखंड से सटा हुआ उत्तर प्रदेश का पहला जिला बिजनौर जिसमें सर्दी का सितम देखने को मिल रहा है, यहां पर लोग ठंड से बेहाल हैं, कपकपा देने वाली ठंड में लोगों का बुरा हाल है, ये है बिजनौर के रेलवे स्टेशन के करीब का वो नज़ारा जहाँ आधी रात को खुले आसमान में कई परिवार मासूम बच्चो के साथ खुले में सोने पर मजबूर है, इनका कपकपाता बदन और लड़खड़ाती आवाज़ खुद ब खुद गरीबी, बेबसी और लाचारी बयाँ कर रही है, दिन भर भीख माँग कर अपना और बच्चो का पेट पालने के बाद इनके पास इतनी पूंजी नहीं होती कि ये अपने परिवार को महंगाई के इस दौर में गर्म कपडे ही दिला दे, फूटपाथ पर डेरा डाले ये है वो गरीब घुमंतू परिवार जो ठण्ड के मारे अपने मासूम बच्चो को गोद में लिए सिकुड़े लेटे है, वहीं इन गरीबो कि माने तो सरकार का एक भी नुमाईंदा इनकी बदहाल हालात से अभी तक रुबरु नहीं हुआ, वही एडीएम प्रशासन विनय कुमार ने तुरंत सहायता का आश्वासन दिया|