
नवरात्र के आगमन के साथ ही धामपुर स्थित प्राचीन श्री कालिया वाला मंदिर परिसर में श्रद्धालु उमड़ने शुरू हो गए हैं, कालिया वाला मंदिर नगर क्षेत्र में सबसे प्राचीन मंदिर है, बता दें कि मंदिर करीब 300 साल पुराना है, ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से व्रत रखकर मन्नत मांगता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है, देहरादून नैनीताल नेशनल हाईवे पर 24 बीघा क्षेत्रफल में फैला मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ ही आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी विशिष्ट स्थान रखता है, बताया जाता है कि सैकड़ों साल पूर्व सिद्ध पुरुष बाबा कालियानाथ ने रामेश्वर से पैदल धामपुर तक की यात्रा की और रामेश्वर से लाए गए शिवलिंग को यहां स्थापित किया था, चैत्र नवरात्रों के षुरू होते ही सुबह सवेरे से ही भक्तों ने यहां आकर पूजा अर्चना करनी षुरू की, भारी संख्या में श्रृद्धालु यहां आते हैं और पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते है, मंदिर परिसर में विशालकाय मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ हनुमान जी की प्रतिमा, कुआं, पीपल का वृक्ष, भैरवनाथ की पिंडी तथा नाथ संप्रदाय के महंतों की समाधिया श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बिंदु हैं, साथ ही मेले में खेल खिलौने, सौन्दर्य प्रसाधन आदि सामानों के भी स्टॉल्स लगाये गये, मंदिर में भारी संख्या में श्रृद्धालुओं ने आकर यहां प्रसाद चढ़ाया, मन्नत मांगी और मेले का आनंद लिया।