एक तरफ जहाँ देश में कुछ चुनिंदा लोग नफरत की आग फैलाने से बाज़ नही आते तो वही बिजनौर का आरीज़ पिछले कई सालों से महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव भक्तों के लिए अपने हाथों से कावड़ बनाकर हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की एकता की मिसाल पेश कर रहा है, बता दें कि एक मार्च को महाशिवरात्रि का त्यौहार है ऐसे में मुस्लिम कारीगर मुहम्मद आरीज़ पिछले कई सालों से कांवड़ बना कर साम्प्रदयिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है, ये है बिजनौर का आरीज़ कारीगर जो पुश्तैनी कावण बनाते आ रहे है, महीन और धारदार औजार के ज़रिए आरीज़ का परिवार हापुड़ से कच्चा माल लाते हैं और लकड़ी के बांस को पहले कारीगर सुखाते है ताकि कावड़ का वजन हल्का रहे और शिव भक्तों को कावण को कांधे से उठाने में परेशानी न हो वैसे एक कावड़ में डेढ़ से दो किलो का ही वजन होता है, मुस्लिम कारीगर की माने तो इन्हें त्योहार आने का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है ताकि समाज मे हिन्दू मुस्लिम भाई चारा कायम रहे|