टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर रही भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बड़ा झटका लगा। टोक्यो के ओलंपिक हॉकी स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल मैच में वर्ल्ड चौंपियन टीम बेल्जियम ने भारत को 5 – 2 से मात देकर करोड़ों भारतीय फैंस का दिल तोड़ दिया। 1980 के बाद ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का ख्वाब एक बार फिर अधूरा रह गया। वर्ल्ड रैंक के दूसरे नम्बर पर रही टीम बेल्जियम ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे मैच पर अपनी पकड़ बनाई रखी। उनके स्टार प्लेयर अलेक्जेंडर हेंडरिक्स ने हैट्रिक गोल लगा कर भारतीय उम्मीदों को तोड़ दिया
वहीं इस हार ने भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है. हालाँकि भारत के लिए अब कांस्य पदक जीतने का मौका है और यदि भारत पदक जीतता है तो यह उसका ओलंपिक हॉकी में 41 सालों बाद कोई पदक होगा, आपको बता दें कि भारत ने आखिरी बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। 41 सालों से ओलंपिक में पदक जीतने के लिए तरस रही हॉकी टीम का सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारतीय टीम को सेमीफाइनल में भले ही हार मिली हो लेकिन अभी ब्रॉन्ज मेडल जीतने की उम्मीद बाकी है। कांस्य पदक की लड़ाई के लिए टीम इंडिया का मुकाबला दूसरे सेमीफाइनल में हारने वाली टीम से होगा। बता दें कि और टोक्यो ओलंपिक के दूसरे सेमीफाइनल में जर्मनी का सामना वर्ल्ड नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से होना है। इस मैच में जो भी टीम हारेगी भारतीय टीम उससे मुकाबला करेगी, इस कड़े मुकाबले में भारत को मिली हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर भारतीय टीम का हौंसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने टीम को यहां तक का सफर तय करने के लिए मुबारकबाद दी और आने वाले मैच के लिए शुभकामनाएं भी दी।