
कारगिल विजय दिवस की जिसे आज 22 साल पूरे हो चुके हैं 26 जुलाई 1999 का दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। यह दिन है उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का, जो हँसते-हँसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। यह दिन समर्पित है उन्हें, जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया। इसी की याद में ‘26 जुलाई’ को अब हर वर्ष कारगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
By Richa Verma
कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में मई के महीने में कश्मीर के कारगिल जिले से प्रारंभ हुआ था। बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों का लाइन ऑफ कंट्रोल यानी भारत-पाकिस्तान की वास्तविक नियंत्रण रेखा के अन्दर प्रवेश कर कई महत्वपूर्ण पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लेह-लद्दाख को भारत से जोड़ने वाली सड़क का नियंत्रण हासिल कर सियाचिन-ग्लेशियर पर भारत की स्थिति को कमजोर कर हमारी राष्ट्रीय अस्मिता के लिए खतरा पैदा करना इस युद्ध का कारण था। पूरे दो महीने से ज्यादा चले इस युद्ध में भारतीय थलसेना व वायुसेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल पार न करने के आदेश के बावजूद अपनी मातृभूमि में घुसे आक्रमणकारियों को मार भगाया इस युद्ध में लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धा शहीद हुए और 1300 से ज्यादा घायल हो गए, थे, इन्हीं शहीद हुए योद्धाओं की याद में 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है, कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय वॉर मैमोरियल पर श्रृद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को नमन किया,