
धामपुर के एसबीडी महिला महाविद्यालय में संस्कृत विभाग द्वारा संस्कृत सप्ताह के अंर्तगत संस्कृत दिवस का आयोजन किया गया, कार्यक्रम प्राचार्या डा. पूनम चौहान के निर्देशन में किया गया, जिसकी संयोजिका व संचालिका संस्कृत विभाग से आचार्या अर्चना कुंतल रही, कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्या, उपस्थित शिक्षिकाओं द्वारा दीप प्रज्वलन एवं अर्चना कुंतल के वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ, इस कार्यक्रम में छात्रा अंशिका ने लौकिक मंगलाचरण एवं संस्कृत गीत की प्रस्तुति दी, दीपांशी ने संस्कृत श्लोक के माध्यम से नृत्यरूप में अपनी अभिव्यक्ति दी, रूपाक्षी ने संस्कृत में भाषण के माध्यम से, शिवांगी कनोजिया एवं दीपिका ने संस्कृत के विषय में विशिष्ट जानकारी दी, चित्रकला विभाग की शिक्षिका ऋतु कौशिक द्वारा संस्कृत गीत मनसा सततं स्मरणम् का गायन किया गया, समाजशास्त्र की वरिष्ठ आचार्या ललिता शर्मा ने संस्कृत के विषय में अपने अमूल्य विचार रखते हुये श्लोक की व्याख्या की, मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित शिक्षा विभाग की आचार्या सुषमा सिंह ने कहा कि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है, जो कि कम्यूटर एवं कम्पूटर सम्बन्धी समस्त कार्यों के लिये उपयोगी है, आज हम संस्कृत जैसी अमूल्य निधि को भूलते जा रहे हैं, इस उपलक्ष्य में अध्यक्ष रूप में उपस्थित महाविद्यालय की प्राचार्या पूनम चौहान ने बताया कि संस्कृत ज्ञान के अभाव में ही आज हम सभी विविध प्रकार की हिंसाओं के शिकार हो रहे हैं, हमें आवश्यकता है कि हम अपनी संस्कृति की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध हों, जिससे समाज में फैली कुरीतियों का नाश हो सके, उन्होने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समंय समय पर होते रहने चाहिये। आचार्या अर्चना कुन्तल ने संस्कृत दिवस के महत्व की विस्तृत चर्चा करते हुये विविध वैदिक उद्धरण प्रस्तुत किये, इस कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्राओं अन्शिका, दिपांशी, रुपाक्षी, शिवांगी, दीपिका एवं प्राची को स्मृति चिह्न देकर सम्मनित किया गया, इस कार्यक्रम में डा. चारू, ऋतु देवी एवं हुमा का सक्रिय सहयोग रहा, कार्यक्रम में नगमा प्रवीन, रन्जू सिंह, नेहा बन्सल मीनू बोरा, सुरभि आदि शिक्षिकायें उपस्थित रहीं