
धामपुर मेें उ. प्र. संगीत नाटक अकादमी लखनऊ, संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन बिजनौर एवं नाट्यदीप फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित लोक नाट्य समारोह के तीसरे दिन कठपुतली गुलाबो सिताबो तथा स्वांग रूप बसंत का शुभारम्भ उपजिलाधिकारी विजय वर्धन तोमर एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अविनाश देशपांडे ने नटराज के समक्ष दीप प्रज्वल्लित कर किया, सर्वप्रथम दिव्यांगना कौषिक द्वारा षिव वंदना प्रस्तुत की गई, नाटक मेें लुप्तप्रायरूप विधा कठपुतली का तमाशा प्रस्तुत किया गया, बता दें कि कठपुतली गुलाबो सिताबो मूलतः उत्तर प्रदेश की पारम्परिक विधा रही है, किन्तु समाज की निरन्तर उपेक्षा के कारण यह वर्तमान में राजस्थान में एक प्रचलित विधा के रूप में विद्यमान है, कठपुतली गुलाबो सिताबो में दिखाया गया कि जिस प्रकार दो खूबसूरत महिलाएं कभी एक साथ नहीं रह सकती अर्थात वह एक दूसरे से चिढेंगी-कुढेंगी, एक दूसरे का सर फोड़ेंगी, वैसे ही बुद्धिमान व मूर्ख एक साथ रहकर घर परिवार, सब कुछ बर्वाद कर सकते हैं, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को पारस्परिक समझ का खाता खुला रखकर ही व्यवहार करना उचित होता है, चित्रण कला मंच समिति, लखनऊ के विपिन कुमार, नरेश मौर्य, रुपेश, पूजा तथा अनूप शर्मा इस विधा को आज भी जीवंत बनाये हुए हैं, चित्रण कला समिति के कलाकारों को अतिथियो द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया, वही नाट्य समारोह मेेंल दूसरी प्रस्तुति के रूप मेें बिजनौर से मेरठ तक गंगा खादर-बांगर क्षेत्र की प्रचलित व लुप्तप्राय शैली स्वांग रूप बसंत में दिखाया गया कि वयोवृद्ध विधुर राजा अपनी युवा पत्नी को वह सब सुख नहीं दे पाता है जिसके लिए परिणय स्थापित होता है, इसमें यह भी सन्देश देने का प्रयास किया गया कि एक कामुक स्त्री अपने स्वभाव से कभी भी एक सच्ची बहिन, सच्ची पत्नी व माता नहीं होती है, ऐसी स्त्री को इच्छा पूर्ति के लिए नौकर, रिश्ते का बेटा या पति में भेद नज़र नहीं आता है, वस्तुतः वर्तमान व प्राचीन कालखण्ड की समावेशी तुलना स्वांग रूप बसंत के माध्यम से बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत की गयी, प्रस्तुति मेें आदर्श कला मण्डल बिजनौर के पप्पू, मास्टर गफूर, बोबी मास्टर, संजीव, विनोद कश्यप ने दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी, पार्श्व मंच पर वेशभूषा- विनोद कश्यप, प्रकाश व्यवस्था- पप्पू, ढोलक- पप्पू मास्टर, नक्कारा- अभयभान सिंह, हारमोनियम- सतीशचंद ने समां बाँध दिया, आदर्ष कला मंडल के कलाकारों को अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया, साथ ही मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी विजय वर्धन तोमर एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अविनाश देशपांडे को समिति द्वारा उपहार भेंट किया गया, कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ राजेेंद्र चौधरी ने किया, इस दौरान मुजीबुर्रहमान, एड. उमाशंकर शर्मा, अनिल रस्तौगी, शीतल रस्तौगी, तिलक राणा, अजय चौहान, कामेश गुप्ता, कुलदीप, जुगनू, सुधीर कुमार, जसराम सिंह, कैलाश कुमार, राजवीर माथुर, प्रहलाद, मार्दव जैन आदि मौजूद रहे।