बिजनौर में पिछले 50 सालों से पूर्व प्रधानमंत्री स्व० इंदिरा गांधी की चांदी की अमानत संभाल कर रखी हुई है, आपको बता दें कि बिजनौर के कालागढ़ में एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध बनाया जाना था जिसका निर्माण चल रहा था और इसका धन्यवाद देने के लिए बिजनौर के लोगों ने सन 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कालागढ़ में बन रहे बांध कार्य के निर्माण के दौरान आमंत्रित किया था, कार्यक्रम के दौरान सभा में लोगों ने इंदिरा गांधी को चांदी से तोला था जिसका वजन लगभग 72 किलो के आस पास माना जा रहा है, कार्यक्रम के खत्म होने के बाद वापस जाते समय इंदिरा गांधी इस भेंट को अपने साथ नहीं ले गई थी, तत्कालीन प्रशासन ने इस चांदी को बिजनौर के जिला कोषागार में रखवा दिया और तब से लेकर आज तक इंदिरा गांधी की अमानत यंहा रखी हुई है, वर्तमान में जिले के वरिष्ठ कोषाधिकारी सूरज कुमार सिंह का कहना है कि यह चांदी तभी वापस की जा सकती है जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के परिवार का कोई सदस्य इस पर दावा करे।