विश्व डाक दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, डाक सेवा संचार की सबसे पुरानी विधि के रूप में जानी जाती है, सोशल मीडिया के दौर में भी डाक सेवा बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, संचार के सबसे पुराने साधन के रूप में डाक पद्धति को जाना जाता है, यह सेवा बहुत लम्बे समय से मौजूद है, हालाँकि वर्तमान में भले ही हमारे पास संचार के नए साधन उपलब्ध हैं, लेकिन संचार पद्धति के लिए यह लोगों को उस समय की याद दिलाता है जब लोग पत्रों का डाक के माध्यम से आदान-प्रदान करते थे, डाक दिवस के रूप में जब लोग संचार के पुराने संसाधनों को याद करते हैं तो वे यह जानकर सोच में पड़ जाते हैं कि पहले लोगों का जीवन कितना अलग था, कुछ तो अपने यहां चिट्ठी आने या किसी को चिट्ठी लिखने की बातें याद करते हैं और डाक घर मे कार्य कर रहे कर्मचारी आज भी अपनी डाक के प्रति अहम भूमिका निभा रहे है, बिजनौर के डाक घर में कर्मचारी अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं वहंी डाकिया जिनका पुराने समय मे हर चिट्टी लिखने वाले इंसान को अपने संदेश पहुंचाने और प्राप्त करने के लिए इनका इन्तेजार रहता था वो आज भी अपनी जिम्मेदारी पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ निभा रहे हैं।